हायर एजुकेशन इंस्टिट्यूट्स में SC, ST, OBC की रिजर्व सीटों पर अनरिजर्व कैंडिडेट्स रखने की अपनी गाइडलाइंस ने UGC ने सफाई दी है. UGC ने जानकारी दी है आरक्षित सीटों को डी-रिजर्व नहीं किया जाएगा. शिक्षा मंत्रालय ने भी स्पष्ट किया है कि हायर एजुकेशन इंस्टिट्यूट्स में आरक्षण का लाभ ‘रिजर्वेशन इन टीचर्स कैडर एक्ट 2019’ के तहत मिलता रहेगा.
क्या है पूरा मामला
यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन यानी UGC ने हायर एजुकेशन डिपार्टमेंट में भर्तियों को लेकर नई ड्राफ्ट गाइडलाइंस जारी की थीं. इसके अनुसार अगर SC, ST, OBC कैटेगरी के लिए रिजर्व सीटों पर योग्य उम्मीदवार नहीं मिलेगा, तो उन सीटों को अनारक्षित कैटेगरी के उम्मीदवारों से भर लिया जाएगा. ड्राफ्ट गाइडलाइंस स्टेकहोल्डर्स से फीडबैक के लिए पब्लिक डोमेन में जारी की गई थीं.
गाइडलाइंस में कहा गया कि SC, ST, OBC कैटेगरी के लिए रिजर्व सीटों पर किसी दूसरी कैटेगरी के कैंडिडेट्स को भर्ती नहीं किया जा सकता, मगर रिजर्व वैकेंसी को डी-रिजर्व करके इसे अनरिजर्व वैकेंसी की तरह ट्रीट किया जा सकता है.
शिक्षा विभाग को भेजना होगा प्रपोजल
गाइडलाइंस में बताया गया कि यूनिवर्सिटी ग्रुप A और B भर्तियों में रिजर्व सीटें खाली रहने पर एक प्रपोजल शिक्षा विभाग को भेज सकता है. इसमें ये जानकारी होगी कि रिजर्व सीट भरने के लिए क्या प्रयास किए गए और किस कारण से सीट भरी नहीं जा सकी. वहीं ग्रुप C और D भर्तियों के लिए ये प्रपोजल यूनिवर्सिटी को ही भेजा जा सकता है.
प्रमोशन में भी डी-रिजर्वेशन का प्लान
UGC ने कहा था कि प्रमोशन के केस में भी अगर रिजर्व कैटेगरी से कोई योग्य उम्मीदवार नहीं मिलता है तो अनरिजर्व कैटेगरी के कैंडिडेट्स से रिक्ति भरी जाएगी. रिजर्व वैकेंसीज को डी-रिजर्व करने का अधिकार UGC और शिक्षा विभाग के पास होगा.
फैसले का हुआ जमकर विरोध
UGC को इसके लिए जबरदस्त विरोध का सामना करना पड़ रहा है. माना जा रहा है कि शिक्षा विभाग हायर एजुकेशन से आरक्षण को हटाने की कोशिश कर रहा है. जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) दिल्ली में UGC के इस फैसले के खिलाफ प्रोटेस्ट का ऐलान भी किया गया. JNU स्टूडेंट यूनियन ने UGC चेयरमैन एम जगदीश कुमार का पुतला जलाकर अपना विरोध दर्ज करने की बात कही थी.
UGC ने दिया स्पष्टीकरण
28 जनवरी को इस मामले पर स्पष्टीकरण देते हुए UGC ने कहा कि किसी भी हायर एजुकेशन इंस्टिट्यूशन में अभी तक रिजर्व पदों को डी-रिजर्व नहीं किया गया है और आगे भी ऐसा नहीं किया जाएगा. रिजर्व कैटेगरी की बैकलॉग पोजिशंस तय नियमों के अनुसार ही भरी जाएंगी.