रिजल्‍ट से पहले ही JEE स्‍टूडेंट ने कर लिया सुसाइड: आंसर की मिलाने पर लगा पास नहीं हो पाएगा

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (NCRB) डेटा के अनुसार, भारत में 2018 से अब तक हर साल 10 हजार से ज्यादा स्टूडेंट्स ने सुसाइड किया यानी हर दिन लगभग 28 सुसाइड होते हैं.हैदराबाद में एक 17 वर्षीय स्टूडेंट ने एग्‍जाम प्रेशर के चलते सुसाइड कर लिया. स्‍टूडेंट अपने JEE एग्‍जाम रिजल्‍ट को लेकर स्‍ट्रेस में था. पुलिस के अनुसार जब उसने आंसर की से अपने आंसर्स मिलाए तो उसको लगा कि शायद वो एग्जाम क्लियर नहीं कर पाएगा. इस डर के चलते उसने रिजल्‍ट जारी से पहले ही अपनी जान दे दी. हालांकि, स्टूडेंट के पास से कोई भी सुसाइड नोट नहीं मिला है.

स्ट्रेस को बताया वजह

माधोपुर पुलिस के अनुसार, स्टूडेंट आंध्र प्रदेश के चित्तूर का रहने वाला था. शनिवार 10 फरवरी की सुबह उसे हॉस्टल के रूम में लटका हुया पाया गया. सेक्शन 174 के तहत केस दर्ज किया गया है.

पुलिस ने कैंपस में स्टूडेंट्स से बातचीत के आधार पर ये बताया कि हाल ही में उसने JEE मेंस का एग्जाम दिया था और खराब नंबरों के आने के डर से उसने ये कदम उठाया होगा.

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (NCRB) डेटा के अनुसार, भारत में 2018 से अब तक हर साल 10 हजार से ज्यादा स्टूडेंट्स ने सुसाइड किया यानी हर दिन लगभग 28 सुसाइड होते हैं.

इस साल का चौथा स्‍टूडेंट सुसाइड

सरकारी डेटा में भारत में साल 2021 में सबसे ज्यादा 13,000 सुसाइड हुए हैं. ये साल 2020 के डेटा से 4.5% ज्यादा हैं. इसके साथ ही पिछले साल यानी 2023 में 29 स्टूडेंट्स ने कोटा में सुसाइड किया था, जो कि 10 सालों में सबसे ज्यादा है.

इस साल की शुरुआत से अब तक 3 स्टूडेंट्स सुसाइड कर चुके हैं. इसमें 2 स्टूडेंट यूपी और 1 राजस्थान से था. इसमें राजस्थान की जो स्टूडेंट शामिल थी, उसका दो दिन बाद ही JEE मेंस एग्जाम था. इसके साथ ही स्टूडेंट ने सुसाइड नोट में माता-पिता से माफी भी मांगी थी.

शिक्षामंत्रालय जारी कर चुका है कोचिंग के लिए गाइडलाइंस

शिक्षा मंत्रालय ने देशभर के कोचिंग इंस्टीट्यूट्स के लिए गाइडलाइन जारी की हैं. इसके तहत अब कोचिंग इंस्टीट्यूट्स 16 साल से कम उम्र के बच्‍चों को एडमिशन नहीं दे सकेंगे. इसके अलावा भ्रामक वादे करना और अच्‍छे नंबरों की गारंटी देने पर भी पाबंदी लगा दी गई है.

ये गाइडलाइंस 12वीं के बाद JEE, NEET, CLAT जैसे एंट्रेंस एग्जाम और सभी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराने वाली कोचिंग सेंटर्स के लिए बनाई गई हैं.

स्‍टूडेंट्स की आत्महत्या के बढ़ते मामलों, क्‍लासेज में आग की घटनाओं और कोचिंग सेंटर्स में सुविधाओं की कमी को देखते हुए शिक्षा विभाग ने यह गाइडलाइंस जारी की हैं.

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