भारत का डेटा सेंटर मार्केट 2024 तक 8 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद

भारत का डेटा सेंटर मार्केट तेजी से बढ़ रहा है और उम्मीद की जा रही है कि यह अगले साल तक 8 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा. 1लैटिस की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में यह मार्केट 7 अरब डॉलर का था. इस बढ़ोतरी की मुख्य वजहें देश में डेटा खपत का तेजी से बढ़ना, नई तकनीकों का आगमन और सरकार का समर्थन हैं. मुंबई, दिल्ली-एनसीआर, और बंगलूरू जैसे शहरों में डेटा सेंटरों की संख्या में भी उल्लेखनीय वृद्धि हो रही है.

सरकार का समर्थन और डेटा सेंटर निर्माण

भारत सरकार भी डेटा सेंटरों के निर्माण को प्रोत्साहित कर रही है. केंद्र की ‘डेटा सेंटर प्रोत्साहन योजना’ और ‘मेक इन इंडिया’ जैसी योजनाएं इस दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं. इन योजनाओं के तहत देश में डेटा सेंटरों के निर्माण को गति मिली है, जो भारत को एक महत्वपूर्ण डिजिटल हब बनने की ओर अग्रसर कर रहा है.

ग्लोबल डेटा सेंटर मार्केट की स्थिति

दुनिया भर में डेटा सेंटर मार्केट भी बढ़ रहा है. 2023 में यह मार्केट 227 अरब डॉलर का था, और 2025 तक इसके 250 अरब डॉलर तक पहुंचने की संभावना है. भारत भी इस दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ रहा है, और अगले 4 सालों में देश में 500 मेगावाट अतिरिक्त डेटा सेंटर कैपेसिटी जोड़ने की क्षमता है. 2019 में यह क्षमता 540 मेगावाट थी, जो 2023 में बढ़कर 1,011 मेगावाट हो गई. अगले 4 वर्षों में यह 1,500 मेगावाट तक पहुंचने की संभावना है.

कंटेंट क्रिएशन मार्केट का तेजी से विस्तार

भारत का कंटेंट क्रिएशन मार्केट भी तेज़ी से बढ़ रहा है. केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के अनुसार, भारत दुनिया की कंटेंट क्रिएशन कैपिटल बनने की ओर अग्रसर है. वर्तमान में यह मार्केट 30 अरब डॉलर का है, और 2035 तक इसके 480 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है.

India Mobile Congress 2024 और डिजिटल क्रांति

दिल्ली में आयोजित इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2024 के दौरान एक पैनल चर्चा में केंद्रीय मंत्री ने 6G जैसी नेक्स्ट जनरेशन टेक्नोलॉजी को अपनाने की जरूरत पर जोर दिया. उन्होंने डिजिटल क्रांति के महत्व और सूचना तक पहुंच की स्वतंत्रता पर भी ध्यान दिलाया.

छोटे शहरों में कंटेंट कंजम्प्शन का बढ़ता ट्रेंड

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि छोटे शहरों में कंटेंट कंजम्प्शन का पैटर्न विकसित हो रहा है, और एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) ह्यूमन क्रिएटिविटी का पूरक बन रहा है, उसकी जगह नहीं ले रहा. एआई के जरिए लोकल कंटेंट को भी बढ़ावा मिल रहा है. उन्होंने यह भी बताया कि भारत में यूट्यूब का लगभग 95 प्रतिशत इस्तेमाल क्षेत्रीय भाषाओं में किया जा रहा है, जो लोकल कंटेंट की बढ़ती मांग को दर्शाता है.

निष्कर्ष

भारत में डेटा सेंटर और कंटेंट क्रिएशन मार्केट दोनों ही तेजी से विस्तार कर रहे हैं. सरकार के समर्थन और नई तकनीकों के आगमन से भारत डिजिटल क्रांति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. डेटा सेंटर मार्केट का बढ़ना और कंटेंट क्रिएशन मार्केट की संभावनाएं देश को वैश्विक डिजिटल हब में बदलने की दिशा में एक बड़ा कदम है.

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