देश की प्रमुख टेलीकॉम कंपनियों Bharti Airtel और Reliance Jio के 5G नेटवर्क की स्पीड में हाल के दिनों में काफी गिरावट दर्ज की गई है. दोनों कंपनियां अपने नेटवर्क पर बढ़ते कंजेशन और स्पेक्ट्रम से जुड़े संसाधनों के प्रभावी प्रबंधन की चुनौतियों का सामना कर रही हैं.
इंडिपेंडेंट एनालिटिक्स फर्म OpenSignal की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारती एयरटेल और रिलायंस जियो के 5G नेटवर्क की स्पीड में गिरावट का मुख्य कारण 5G यूजर्स की तेजी से बढ़ती संख्या और प्रति यूजर अधिक डेटा खपत है. भारत में 5G नेटवर्क की सेवाओं के विस्तार के साथ कंजेशन एक बड़ी समस्या बनकर उभर रही है.
स्पेक्ट्रम और कंजेशन का प्रभाव
OpenSignal के एनालिसिस से पता चलता है कि भारत में 5G कनेक्शंस का केवल 16 प्रतिशत ही लो-बैंड (700 MHz) स्पेक्ट्रम का उपयोग करता है, जो बेहतर कवरेज प्रदान करता है, लेकिन इसकी स्पीड सीमित होती है. बाकी कनेक्शंस मिड-बैंड 3.5 GHz स्पेक्ट्रम का इस्तेमाल करते हैं, जो तेज स्पीड देता है, लेकिन कवरेज क्षेत्र छोटा होता है.
Airtel और Jio की स्थिति
रिपोर्ट में बताया गया है कि डाउनलोड और अपलोड स्पीड, लाइव वीडियो, वीडियो स्ट्रीमिंग और गेमिंग जैसी कई श्रेणियों में Airtel का 5G नेटवर्क अभी भी शीर्ष पर है. कंपनी नॉन-स्टैंडअलोन एक्सेस (NSA) तकनीक का उपयोग कर रही है, जिसमें मौजूदा 4G इंफ्रास्ट्रक्चर पर 5G टेक्नोलॉजी लागू की जाती है. इस तरीके से शहरी क्षेत्रों में तेजी से 5G सेवाएं प्रदान की जा रही हैं. एयरटेल अपने 4G नेटवर्क में भी लगातार सुधार कर रही है और अगले तीन वर्षों में लगभग तीन लाख नए बेस स्टेशंस स्थापित करने की योजना बना रही है.
दूसरी ओर, Reliance Jio भी कई श्रेणियों में पीछे है, लेकिन कंपनी ने Consistent Quality अवॉर्ड के साथ 66.5 प्रतिशत का स्कोर हासिल कर अपनी स्थिति बरकरार रखी है.
Tata Play को खरीदने की तैयारी में Airtel
रिपोर्ट्स के अनुसार, एयरटेल जल्द ही Tata Play के डायरेक्ट-टु-होम (DTH) बिजनेस को खरीदने की योजना बना रही है. दोनों कंपनियों के बीच इस पर बातचीत जारी है. हालांकि, Tata Play की DTH सेवा घाटे में चल रही है, लेकिन इसे खरीदने से एयरटेल की डिजिटल TV सेगमेंट में मौजूदगी और मजबूत हो सकती है. इस सेगमेंट में एयरटेल को DishTV जैसे ऑपरेटरों से कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है.
स्पीड में गिरावट की चुनौती
5G नेटवर्क की स्पीड में गिरावट, विशेषकर एयरटेल और जियो जैसी बड़ी कंपनियों के लिए, एक बड़ी चुनौती बन गई है. बढ़ती सब्सक्राइबर संख्या और डेटा की अत्यधिक खपत से नेटवर्क पर दबाव बढ़ रहा है. हालांकि, दोनों कंपनियां इस समस्या को हल करने के लिए अपने इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार कर रही हैं और स्पेक्ट्रम प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं.
आगे देखने वाली बात होगी कि ये कंपनियां इस चुनौती से कैसे निपटती हैं और ग्राहकों को बेहतर 5G अनुभव प्रदान करने में कितनी सफल होती हैं.