देश में क्विक कॉमर्स के बढ़ते बिजनेस पर उठे सवाल, Blinkit, Swiggy और Zepto पर लगे प्राइस घटाकर बिजनेस बढ़ाने के आरोप

पिछले कुछ वर्षों में क्विक कॉमर्स का बिजनेस तेजी से बढ़ा है. यह सेगमेंट मुख्य रूप से उन कंपनियों पर आधारित है जो ग्राहकों को ग्रॉसरी से लेकर इलेक्ट्रॉनिक्स तक की डिलीवरी 10 मिनट जैसी कम अवधि में पहुंचाने का वादा करती हैं. इस सेगमेंट में Blinkit, Swiggy और Zepto जैसी बड़ी कंपनियां प्रमुख भूमिका निभा रही हैं. हालांकि, इन पर प्राइस घटाकर बिजनेस बढ़ाने के आरोप लगे हैं.

AICPDF ने CCI को भेजा पत्र

ऑल इंडिया कंज्यूमर प्रोडक्ट्स डिस्ट्रीब्यूटर्स फेडरेशन (AICPDF) ने पिछले हफ्ते कॉम्पिटिशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) को एक पत्र भेजा है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि क्विक कॉमर्स कंपनियां अपने उत्पादों पर कम प्राइसिंग या भारी डिस्काउंट देकर ग्राहकों को आकर्षित करने की कोशिश कर रही हैं. यह पत्र Reuters द्वारा देखा गया है. पत्र में CCI से सामान्य डिस्ट्रीब्यूटर्स और रिटेलर्स के हितों की सुरक्षा के लिए उपाय लागू करने का निवेदन किया गया है.

AICPDF, जो कि लगभग चार लाख रिटेल डिस्ट्रीब्यूटर्स का प्रतिनिधित्व करता है, ने पत्र में कहा है कि इन कंपनियों के द्वारा अपनाए जा रहे तरीकों से सामान्य डिस्ट्रीब्यूटर्स और रिटेलर्स के लिए प्रतिस्पर्धा करना बेहद मुश्किल हो रहा है.

बाजार पर प्रभाव और संभावित जांच

Reuters द्वारा पूछे गए प्रश्नों पर CCI ने अभी तक कोई जवाब नहीं दिया है, जबकि AICPDF ने भी इस पत्र पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है. इस वर्ष क्विक कॉमर्स से जुड़ी कंपनियों की वार्षिक सेल्स छह अरब डॉलर से अधिक होने की संभावना है. Datum Intelligence के अनुसार, इस मार्केट में Zomato के कंट्रोल वाली Blinkit की हिस्सेदारी लगभग 40 प्रतिशत है, जबकि Swiggy और Zepto की मार्केट हिस्सेदारी लगभग 30 प्रतिशत है.

एक सरकारी अधिकारी ने Reuters को बताया कि अगर शिकायत में तथ्यों को सही पाया जाता है, तो CCI के पास मामले की जांच शुरू करने की पावर है. हाल ही में, CCI की इनवेस्टिगेशन यूनिट ने यह भी पाया था कि Amazon और Flipkart जैसी बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियों ने कम प्राइसिंग के तरीकों से कानूनों का उल्लंघन किया है. हालांकि, इन कंपनियों ने इन आरोपों से इनकार किया है.

क्विक कॉमर्स का बढ़ता बिजनेस

क्विक कॉमर्स का बिजनेस भारत में तेजी से बढ़ रहा है. इस साल Zomato का शेयर प्राइस दोगुना हो गया है. वहीं, SoftBank द्वारा समर्थित Swiggy भी जल्द ही एक अरब डॉलर से अधिक का IPO लाने की योजना बना रही है. इन कंपनियों पर पहले भी इसी प्रकार के आरोप लगे हैं, लेकिन अब यह देखने वाली बात होगी कि CCI इस मामले पर क्या कार्रवाई करती है.

क्विक कॉमर्स के इस तेजी से बढ़ते सेगमेंट में प्राइसिंग रणनीतियों को लेकर उठ रहे सवाल कई छोटे और मझौले डिस्ट्रीब्यूटर्स के लिए बड़ी चुनौती बनते जा रहे हैं.

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