17 अक्टूबर 2024 की शाम को चंद्रमा और पृथ्वी के बीच एक अद्भुत नजारा देखा जाएगा, जिसे दुनिया Hunter Moon के नाम से जानती है और भारत में इसे शरद पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है. इस दिन चंद्रमा और पृथ्वी के बीच की दूरी केवल 3,57,364 किलोमीटर रह जाएगी, जो इस साल की सबसे कम दूरी होगी. यह साल का तीसरा और सबसे बड़ा सुपरमून (Supermoon) भी होगा. आमतौर पर, पृथ्वी और चंद्रमा के बीच की सामान्य दूरी 3,84,400 किलोमीटर होती है, लेकिन इस खास दिन यह दूरी घटकर बहुत कम हो जाएगी.
क्या है सुपरमून?
सुपरमून तब होता है जब चंद्रमा अपनी कक्षा में पृथ्वी के सबसे करीब होता है. वैज्ञानिक दृष्टिकोण से इसे चंद्रमा का पेरिगी (Perigee) कहा जाता है. इस स्थिति में चंद्रमा सामान्य पूर्णिमा की तुलना में लगभग 15% बड़ा और 30% ज्यादा चमकीला दिखाई देता है. 17 अक्टूबर 2024 को होने वाला सुपरमून भी इसी कारण इतना खास माना जा रहा है.
हंटर मून का महत्व
Hunter Moon नाम पश्चिमी देशों में प्रचलित है. पुराने समय में यह चंद्रमा शिकारियों के लिए सर्दियों की तैयारी का संकेत हुआ करता था. माना जाता है कि हंटर मून के बाद शिकारी अपने शिकार की शुरुआत करते थे, ताकि सर्दियों में खाने के लिए मांस का संग्रह कर सकें. इसे Falling Leaves Moon और Blood Moon के नाम से भी जाना जाता है.
भारत में हंटर मून कब और कैसे देखें?
भारत में Hunter Moon यानी शरद पूर्णिमा का अद्भुत नजारा 17 अक्टूबर की शाम को 5 बजे के बाद से देखा जा सकेगा. हालांकि, इसे देखने का समय आपके इलाके में होने वाले सूर्यास्त पर निर्भर करेगा. सूर्यास्त के बाद चंद्रमा तुरंत आकाश में दिखाई देने लगेगा.
इस साल भारत में दो और पूर्णिमा भी देखी जा सकेंगी. 16 नवंबर और 15 दिसंबर 2024 को भी पूर्णिमा के चांद का अद्भुत नजारा होगा, लेकिन सुपरमून के रूप में नहीं.