2030 तक भारत में 100 करोड़ स्मार्टफोन यूजर्स: 5G कनेक्शंस में होगा बड़ा इजाफा

भारत स्मार्टफोन उपयोगकर्ताओं के मामले में तेजी से नए रिकॉर्ड की ओर बढ़ रहा है. एक रिपोर्ट के अनुसार, 2030 तक देश में 100 करोड़ से ज्यादा स्मार्टफोन यूजर्स होंगे. ग्लोबल मोबाइल नेटवर्क बॉडी GSMA के अनुसार, भारत में 120 करोड़ स्मार्टफोन कनेक्शंस में से आधे यूजर्स 5G स्मार्टफोन का इस्तेमाल करेंगे. रिपोर्ट में बताया गया है कि अगले 6 सालों में देश में 64.1 करोड़ से ज्यादा 5G सब्सक्राइबर्स होंगे, जिनकी संख्या 49% की दर से बढ़ रही है.

5G के विस्तार की उम्मीद

GSMA इंटेलिजेंस का अनुमान है कि अगले 6 वर्षों में भारत में 5G मोबाइल सब्सक्राइबर्स की संख्या में भारी वृद्धि होगी. साथ ही डेटा के इस्तेमाल में भी तेज इजाफा देखा जाएगा. 5G यूजर्स की बढ़ती संख्या के चलते डेटा खपत में भी तेजी से वृद्धि होने की संभावना है, जो टेलिकॉम कंपनियों को इस क्षेत्र में और अधिक निवेश करने के लिए प्रेरित करेगी.

डेटा खपत में तेज वृद्धि

रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि 2023 से 2029 के बीच भारत में डेटा खपत 15% की कंपाउंड इंटरेस्ट ग्रोथ रेट (CAGR) से बढ़ेगी और यह आंकड़ा 68GB प्रति माह तक पहुंच सकता है. इससे यह साफ हो जाता है कि आने वाले वर्षों में भारत का टेलिकॉम सेक्टर बड़ी उन्नति करेगा और उपभोक्ताओं की जरूरतों को पूरा करने के लिए कंपनियों को नई तकनीकों और सेवाओं में निवेश करना होगा.

डिजिटाइजेशन से आर्थिक लाभ

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि एशिया-प्रशांत क्षेत्र में भारत और इंडोनेशिया दोनों अपने आर्थिक विकास, रोजगार सृजन और इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए डिजिटाइजेशन का पूरा लाभ उठाने की स्थिति में हैं. जहां भारत में 2030 तक 120 करोड़ स्मार्टफोन कनेक्शंस होने का अनुमान है, वहीं इंडोनेशिया में इस अवधि तक 38.7 करोड़ कनेक्शंस होने की उम्मीद है.

मोबाइल टेक्नोलॉजी का आर्थिक प्रभाव

रिपोर्ट के अनुसार, मोबाइल टेक्नोलॉजी और सर्विसेज का 2023 में एशिया-प्रशांत क्षेत्र की GDP में योगदान 5.3% था, जिससे इस क्षेत्र में 1.3 करोड़ नौकरियों का सृजन हुआ. GSMA के महानिदेशक मैट्स ग्रैनरीड ने कहा कि भारत और इंडोनेशिया न केवल एशिया-प्रशांत क्षेत्र के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश हैं, बल्कि वे इस क्षेत्र के डिजिटल और आर्थिक विकास का प्रमुख इंजन भी हैं.

निष्कर्ष

2030 तक भारत में स्मार्टफोन उपयोगकर्ताओं की संख्या में जबरदस्त वृद्धि होने वाली है, और 5G सब्सक्राइबर्स की संख्या भी तेजी से बढ़ेगी. डिजिटाइजेशन से भारत को न केवल तकनीकी उन्नति में मदद मिलेगी, बल्कि यह आर्थिक विकास और रोजगार सृजन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.

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